Scrappage policy in hindi : अमेरिका, चीन जैसे देशों के बाद आखिरकार इंडिया ने भी अपनी नेशनल ऑटोमोबाइल स्क्रैपिंग पॉलिसी लॉन्च कर दी है। यह पॉलिसी क्या है और इसका आम आदमी के जीवन पर कितना असर होगा। यह सबसे जरूरी सवाल है। यह National Automobile Scrappage policy आपकी पुरानी गाड़ियों से सम्बंधित है। पहले इसके बारे में जान लेते है। इस पॉलिसी के तहत सड़कों से पुराने हो चुके अनफिट व्हीकल्स को सिस्टेमेटिक तरीके से सड़कों से हटाया जाएगा।
जिससे शहरों में बढ़ते हुए पॉलुशन में कमी आएगी और पर्यावरण की सुरक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा। इस पॉलिसी के लागू होने से वाहनों के एक्सीडेंट का खतरा भी कम हो जायेगा। पुरानी गाड़ियों और उनमे इस्तेमाल हो रही पुरानी टेक्नॉलॉजी के कारण रोड एक्सीडेंट का खतरा बहुत अधिक रहता है। पुरानी गाड़ियों के हटने से यह खतरा कम हो जाएगा।
इस पॉलिसी से सामान्य परिवारों को हर प्रकार से बहुत लाभ होगा। इसका सबसे पहला लाभ ये होगा कि पुरानी गाड़ी को स्क्रैप करने पर एक सर्टिफिकेट मिलेगा। ये सर्टिफिकेट जिसके पास होगा उसे नई गाड़ी की खरीद पर रजिस्ट्रेशन के लिए कोई पैसा नहीं देना होगा। इसके साथ ही उसे रोड टैक्स में भी कुछ छूट दी जाएगी। पुरानी गाड़ियों के रखरखाव पर मेन्टेन्स कॉस्ट, रिपेयर कॉस्ट, कम फ्यूल एफिशिएंसी जैसे खर्च में भी कमी आएगी।
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हैवी ट्रकों पर 2023 और कारों पर 2024 से लागू होगी स्क्रैपिंग पॉलिसी
Scrappage policy in hindi
जिन लोगों को यह चिंता सताने लगी होगी कि स्क्रैपिंग पॉलिसी लागू होने से उनके पुराने व्हीकल्स का क्या होगा तो उन्हें अभी परेशान होने की जरूरत नहीं है। यह पॉलिसी सबसे पहले 2022 से गवर्नमेंट व्हीकल्स पर लागू होगी। 15 साल और उससे ज्यादा पुराने सरकारी वाहनों को सबसे पहले स्क्रैप किया जाएगा। लेकिन इसमें सरकारी 2 पहिया वाहनों को शामिल नहीं किया जाएगा।
इसके बाद 2023 से 15 साल और उससे पुराने हैवी कमर्शियल का fitness tests करवाना होगा। यदि ये पुराने हैवी कमर्शियल व्हीकल्स फिटनेस टेस्ट में फेल हो जाते हैं तो उन्हें रोड से हटाना होगा और कोई अपने पुराने व्हीकल्स को स्क्रैप करवाना चाहेगा तो उसे कई तरह की छूट दी जाएँगी।
लेकिन यदि कोई अपने पुराने व्हीकल्स का फिटनेस टेस्ट करवाने नहीं लाता है तो उसके व्हीकल्स का रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया जाएगा। इसी तरह 2024 से 20 से पुरानी सभी पुरानी प्राइवेट गाड़ियों का फिटनेस टेस्ट करवाना होगा। फिटनेस टेस्ट में फेल होने पर गाड़ी को स्क्रैप करवाना होगा। कोई अपनी गाड़ी का फिटनेस टेस्ट नहीं करवाएगा तो उसकी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया जाएगा।
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ये जाने, कहाँ होगा वाहनों का फिटनेस टेस्ट और कैसे स्क्रैप होंगी पुरानी गाड़ियां और ट्रक ?
National Automobile Scrappage policy in hindi
National Automobile Scrappage policy के हिसाब से 15 साल पुरानी कमर्शियल और 20 साल पुरानी प्राइवेट गाड़ियों का फिटनेस टेस्ट करवाना होगा। यह फिटनेस टेस्ट व्हीकल फिटनेस सेंटर में होंगे। सरकार PPP model (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के तहत पूरे देश में 400 से 500 व्हीकल्स फिटनेस सेंटर बनाने जा रही है, जहाँ ये टेस्ट होंगे। इसके आवला देश में 60 से 70 स्क्रैपिंग सेंटर भी बनाये जायेंगे जहाँ आप अपनी गाड़ी स्क्रैप करवा सकेंगे।
सरकार की कोशिश है कि फिटनेस टेस्ट के लिए किसी को 150 से 200 km से ज्यादा दूर न जाना पड़े। ये गवर्नमेंट सर्टिफाइड फिटनेस सेंटर पूरी तरह से ऑटोमेटेड होंगे। यहाँ अपनी गाड़ियों का फिटनेस टेस्ट करवाने के लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट्स मिलेगी और टेस्ट की रिपोर्ट भी आपको ऑनलाइन ही मिल जाया करेगी।
कॉमन मैन को इस National Automobile Scrappage policy का क्या लाभ होगा
Scrappage policy in hindi
इस पॉलिसी से गाड़ी रखने वाले आप और हम जैसे सभी लोग एफेक्ट होंगे। लेकिन इसका हम जैसे कॉमन लोगों को क्या फ़ायदा होगा वो जान लेते हैं। जब आप अपनी पुरानी गाड़ी को स्क्रैप करवाएंगे तो आपको एक स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट जाएगा। इस सर्टिफिकेट को दिखा कर आप नयी गाड़ी लेते समय 4 से 6 परसेंट तक की छूट ले सकते हैं।
इसका दूसरा फ़ायदा यह होगा कि आपको नयी गाड़ी खरदीते समय 25% तक रोड टैक्स में छूट मिलेगी और यदि आप कमर्शियल व्हीकल खरीदते हैं तो आपको 15% छूट मिलेगी। आपको अपनी गाड़ी स्क्रैप करवाने पर उसकी वैल्यू के करीब 5 से 6 परसेंट तक पेमेंट की जाएगी। मतलब आपको अपनी पुरानी गाड़ी को स्क्रैप करवाने के पैसे भी मिलेंगे।
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स्क्रैपिंग पॉलिसी से 40 परसेंट तक सस्ती हो जाएँगी नयी गाड़ियां
Scrappage policy in hindi
आपको इस बात की जानकारी है कि गाड़ियों को बनाने में स्टील मेटल का इस्तेमाल बहुत ज्यादा होता है और पिछले 6 महीने में स्टील के प्राइस करीब 30 परसेंट तक बढ़ गए हैं, जिस वजह से कार कंपनियों को अपनी गाड़ियों के प्राइस 20 से 1 लाख रुपए तक बढ़ाने पड़े हैं। इस स्क्रैपिंग पॉलिसी के लागू होने पर पुरानी गाड़ियों से निकलने वाले स्टील को रीसायकल कर लिया जायेगा। पुरानी गाड़ी के कबाड़ से 99% मेटल को रिकवर करके नयी गाड़ियों में इस्तेमाल किया जा सकेगा। जिससे गाड़ियों को लागत काफी कम हो जाएगी। ऑटो एक्सपर्ट ऐसा कहते हैं कि नयी गाड़ियों का प्राइस 40 परसेंट तक कम हो जाएगा।
ऑटो सेक्टर के लिए संजीवनी साबित होगी National Automobile Scrappage policy
ऑटो एक्सपर्ट का कहना है कि ऑटो इंडस्ट्री के लिए स्क्रैप पॉलिसी संजीविनी साबित होगी। पुरानी गाड़ियों के स्क्रैप होने पर नयी गाड़ियों को डिमांड बढ़ेगी और इसमें सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक गाड़ियों को मांग होगी। ज्यादा डिमांड बढ़ने पर ऑटो सेक्टर में एम्प्लॉयमेंट भी बढ़ेगी। सरकार को भी ज्यादा गाड़ियों की बिक्री होने पर ज्यादा GST मिलेगी। मेटल रीसाइक्लिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा।
फायदे के साथ साथ जेब पर भारी भी पड़ेगी नई स्क्रैपिंग पॉलिसी
Scrappage policy in hindi
ऑटो सेक्टर की स्क्रैपिंग पॉलिसी के कई सारे फायदे हैं तो कुछ नुक्सान भी हैं। जैसे कि अभी आप जब अपनी गाड़ी का सर्टिफिकेट लेने जाते हैं तो आपको 200 फीस देनी पड़ती है। लेकिन नयी स्क्रैपिंग पॉलिसी लागू होने पर 15 साल और उससे ज्यादा पुराने वाहनों का फिटनेस टेस्ट करवाने पर प्राइवेट कार के लिए 7,500 रुपए और ट्रक जैसे हैवी व्हीकल्स के लिए 12,500 रुपए फीस देनी पड़ेगी।
यदि कोई व्हीकल फिटनेस टेस्ट में फेल होता है तो ऑटोमेटिकली उसका रजिस्ट्रेशन कैंसिल होगा और उसका नंबर सेंट्रल डेटाबेस से बाहर कर दिया जाएगा।दूसरा नुक्सान यह होने वाला है कि अभी बहुत सारी गाड़ियां ऐसी हैं जो 15 से 20 साल से ज्यादा पुरानी हैं लेकिन अच्छी कंडीशन में हैं और चल रही है।
लेकिन इस स्क्रैपिंग पॉलिसी के आने से ऐसी सभी गाड़ियों का फिटनेस टेस्ट जरूरी हो जाएगा। फिटनेस टेस्ट में फेल होते ही इन गाड़ियों को चलाना मना होगा। अगर फिर भी कोई ऐसी गाड़ी चलाते हुए पकड़ा गया तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
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