learn automatic car driving in hindi:दोस्तों आप पहली बार कोई ऑटोमैटिक कार खरीदने जा रहे हैं या फिर ऑटोमैटिक गाड़ी चलाने जा रहे हैं तो आपके मन में बहुत से डाउट हो सकते हैं कि ये गाड़ी कैसे चलेगी। आप इसको चला पाओगे भी या नहीं। आपको झिझक भी हो रही होगी कि पता नहीं आप ऑटोमैटिक गाड़ी को कण्ट्रोल कर पाओगे भी या नहीं। गाड़ी के गियर शिफ्ट कैसे होंगे।
यदि आपके मन में इस तरह के सवाल हैं डाउट हैं तो इस आर्टिकल में हम आपके सारे डाउट और सवाल दूर करेंगे। साथ में यह भी बताएँगे कि आपको ऑटोमैटिक कार खरीदनी भी चाहिए या नहीं। चलिए शुरू करते हैं। इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप आसानी से ऑटोमैटिक कार चला पाएंगे। ऑटोमैटिक कारों को लेकर लोगों में क्रेज़ भी बढ़ रहा ऐसा माना जा रहा है अगले पांच सालों में 50 परसेंट ऑटोमैटिक कारें ही बिकेंगी।
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ऑटोमैटिक कार चलाने से पहले इन बातों पर धान दें
Can I learn to drive in an automatic car?
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सबसे पहले तो ये जान लें ऑटोमैटिक कार का मतलब है कम्पलीट कम्फर्ट। क्यूंकि मैन्युअल कार में बार बार क्लच दबा कर गियर शिफ्ट करने पड़ते हैं। इसमें ऐसा कुछ नहीं करना है। इसमें आपका एक पैर (लेफ्ट साइड वाला) पूरी तरह से फ्री रहेगा। बस आपको अपने राइट पैर को ही कार चलाने में यूज़ करना है। अब हम ऑटोमैटिक कार का स्ट्रक्चर समझते हैं। इसके पेडल के प्लेटफार्म से शुरू करते हैं। ट्रेडिशनल मैन्युअल कार में 3 पेडल होते है।
1. क्लच
2. ब्रेक
3.एक्सीलरेट(रेस)
वहीँ ऑटोमैटिक कार में सिर्फ 2 पेडल होते हैं।
1. ब्रेक
2.एक्सीलरेट(रेस)
ऑटोमैटिक कार को स्टार्ट करने से पहले एक बात का हमें ध्यान रखना है। आपको अपने लेफ्ट पैर को यूज़ नहीं करना है इसको आप पेडल प्लेटफार्म से लेफ्ट में आराम से रखिये। आपको अपने राइट पैर से ही ब्रेक और रेस को मैनेज करना है।
अब ऑटोमैटिक कार के गियर बॉक्स को समझते हैं
Is it easy to drive an automatic car?
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एक ऑटोमैटिक कार को चलाना मैन्युअल कार चलाने से ज्यादा आसान और कम्फर्टेबल होता है। अब हम एक ऑटोमैटिक कार के गियर बॉक्स को समझते हैं। ऑटोमैटिक कार के गियर बॉक्स में दिए गए लिवर को आगे की तरफ करने पर गाड़ी रिवर्स हो जाता है। यहाँ इस बात का विशेष ध्यान रखना है कि जैसे आप एक मैन्युअल कार में गियर बदलते हुए क्लच दबाते हैं।
उसी तरह इसमें आपको जब कभी अपनी गाड़ी रिवर्स करनी हो या ड्राइविंग मोड में करनी हो या फिर पार्किंग मोड में करनी हो तो आपको ब्रेक दबाना पड़ेगा। इतना ही नहीं एक ऑटोमैटिक गाड़ी स्टार्ट तभी होगी जब आप ब्रेक को दबाकर उसकी चाभी से या बटन से स्टार्ट करेंगे। रिवर्स के के बाद गियर लिवर को निचे की तरफ लाते हैं तो गाड़ी न्यूट्रल हो जाती है।
न्यूट्रल होने के बाद आप कार को पार्क या बंद कर सकते हैं। यदि आप गाड़ी को ड्राइव करना चाहते हैं तो आपको न्यूट्रल गियर से लिवर को डाउनवर्ड्स (नीचे) शिफ्ट करके डी मोड में डालकर ड्राइव करना स्टार्ट कर सकते हैं। आपको धीरे धीरे ब्रेक से पैर हटाना होगा और आपकी गाड़ी दौड़ने लगेगी। अब आपको कुछ नहीं करना है। आपको ब्रेक और रेस को एक पैर से मैनेज करना है। गाड़ी की स्पीड के अनुसार अपने आप गियर छोटे बड़े डलते जाएँगे। आपकी गाड़ी कौन से गियर में चल रही है यह आपको इंस्ट्रुमेंटल क्लस्टर में दिख जाएगा।
कुछ गाड़ियों में पी और एस मोड होता है
Are automatic cars good for long drive?
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आजकल आ रही ऑटोमैटिक कारों के गियरबॉक्स में पी और एस मोड भी दिया जा रहा है। पी मोड पार्किंग के लिए होता है। आप पी मोड में करके अपनी आटोमेटिक कार को पार्क कर सकते हैं। जबकि एस(S) मोड स्पोर्ट्स के लिए होता है जब आपको अपनी गाड़ी को काफी तेज़ भगाना होता है तब आपको स्पोर्ट्स मोड की जरूरत पड़ती है। स्पोर्ट्स मोड में डालकर आप अपनी गाड़ी को काफी तेज़ भगा सकते हैं।
ड्राइविंग करते हुए आप कुछ बातों का ख्याल रखिये। सीट बेल्ट जरूर लगाइये। हैंड ब्रेक चेक करिये। हैंड ब्रेक लगे हुए हैं तो उसको हटाइये। ब्रेक दबाकर गियर को न्यूट्रल से ड्राइविंग मोड में लाइए फिर धीरे धीरे ब्रेक से पैर हटाई। बस आपकी ऑटोमैटिक कार चलने लगेगी। आपको गाड़ी की स्पीड बढ़ानी है तो रेस(एक्सीलेरट) को दबाइये। गाड़ी के गियर अपने आप चेंज होते रहेंगे।
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