
Ford shut down: आखिरकार फोर्ड इंडिया छोड़ कर भाग रही है, दरअसल फोर्ड कंपनी की अकड़ कभी ढीली नहीं हुई कि वे फोर्ड हैं, एक अमेरिकी कंपनी है, फोर्ड ने अपने प्रोडक्ट्स में बदलाव नहीं किया, नए मॉडल लॉन्च नहीं किये, ऐसे में कंपनी घाटे में जाती रही और उन्हें इंडिया छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। कंपनी का कहना है की उन्हें इंडिया में 2 बिलियन डॉलर का घाटा हो रहा था, जिस वजह फोर्ड ने इंडिया में अपने दोनों कार बनाने के प्लांट का शटर डाउन करने का फैसला लिया है।
इंडिया में फोर्ड की एक भी कार नहीं बनेगी। इसके प्लांट्स में कार बननी बंद हो जाएँगी। इससे करीब 4 हज़ार एम्प्लोयी बेरोजगार हो जाएंगे। फोर्ड के दो प्लांट है एक गुजरात के सानंद में हैं और दूसरा चेन्नई में है। फोर्ड की सानंद की फैक्ट्री इसी साल पूरी तरह से बंद हो जाएगी और चेन्नई में अगले साल के कुछ महीनों तक फोर्ड इंजन बनाएगा फिर उसे प्लांट को भी बंद कर देगा। फोर्ड कंपनी ने अपने स्टेटमेंट में कहा है कि उनकी कंपनी इंडिया में अब सिर्फ इम्पोर्ट की हुई गाड़ियों जैसे फोर्ड मस्टैंग और फ्यूचर में इलेक्ट्रिक गाड़ियां बेचेगा।
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आखिर फोर्ड को इंडिया की कार मार्किट को अलविदा क्यों कहना पड़ा?
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ऐसा नहीं है कि कोरोना की वजह से फोर्ड की गाड़ियों की सेल कम हो गई, पिछले कई सालों से फोर्ड की गाड़ियों की सेल लगातार गिरती जा रही थी। इस साल जब फोर्ड के इंडिया से एग्जिट करने की खबरे उड़ने लगी तो लोगों ने पिछले कुछ महीनों से फोर्ड की गाड़ियां खरीदनी बिलकुल कम कर दी। इतनी अफवाह उड़ने के बाद भी फोर्ड कंपनी की तरफ से कोई स्टेटमेंट नहीं आया कि फोर्ड इंडिया छोड़ रही है या नहीं।
यह स्टेटमेंट आज यानि 9 सितम्बर 2021 को आया है। दरअसल फोर्ड ने अपनी गाड़ियों को समय के साथ चेंज नहीं किया। फोर्ड वही पुराने मॉडल इंडियन कार मार्किट में बेचता रहा। फोर्ड की गाड़ियां आउटडेटिड लगने लगी थी, वहीं दूसरी कंपनियां लगातार एक से एक नयी कार लॉन्च कर रही थी, एडवांस टेक्नोलॉजी दे रही थी, लेकिन फोर्ड की गाड़ियां उनको कॉम्पिटिशन नहीं दे पा रही थी, जिस वजह से इंडिया कार कस्टमर ने फोर्ड से नाता तोड़ लिया और फोर्ड को इंडिया से जाना पड़ रहा है। फोर्ड अगर इंडियन मार्किट में सरवाईव करना चाहती थी तो उसको अपने प्रोडक्ट्स (कारों) में बदलाव लाना चाहिए था।
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जैपनीज़ और कोरियाई कार कंपनियों के सामने नहीं टिक पायी फोर्ड
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इंडिया में सबसे ज्यादा कार दो कंपनियों मारुती सुजुकी और हुंडई की सेल् होती हैं, मारुती जापान और हुंडई कोरिया की कंपनी है। इंडिया में बिकने वाली टॉप 10 गाड़ियों में 7 मारुती और 3 हुंडई की होती है। ये दोनों कंपनियां इंडिया कस्टमर के हिसाब से बजट वाली कारें ज्यादा बनाती हैं, ये दोनों कंपनियां कम से कम बजट में ज्यादा से ज्यादा फीचर वाली कार देने की कोशिश करती हैं, जिनके सामने बाकि कंपनियों को कम्पटीशन में टिके रहने में कठिनाई होती है।
अब आपको नयी ईको स्पोर्ट, एंडेवर, फ्री स्टाइल, फिगो जैसे गाड़ियां नहीं दिखेंगी
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फोर्ड इंडिया में ईको स्पोर्ट, एंडेवर, फ्री स्टाइल, एस्पायर, फिगो(Figo, EcoSport,freestyle,aspire Endeavour) जैसी गाड़ियों के मॉडल इंडिया में बनाकर सेल करता था, लेकिन अब फोर्ड का प्लांट बंद होने से ये नयी गाड़ियां आपको सड़क पर नहीं दिखाई देंगी। जिनके पास पुरानी गाड़ियां हैं वो जरूर दिखाई दे जाएँगी। लेकिन फोर्ड अपनी इम्पोर्टेड कार फोर्ड मस्टैंग इंडिया में सेल करती रहेगी।
4 लाख गाड़ियां बनाने वाले प्लांट्स में बनती थी सिर्फ 80 हज़ार फोर्ड की कारें
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फोर्ड ने इंडिया में काफी इन्वेस्टमेंट किया हुआ था। आज से करीब 27 साल पहले अमेरिकी कार कंपनी फोर्ड ने इंडिया में एंट्री की थी, लेकिन काफी लम्बे समय से यह कंपनी घाटे में चल रही थी, फोर्ड के दोनों प्लांट्स की कैपेसिटी 6 लाख से ज्यादा इंजन बनाने और 4 लाख कारें बनाने की थी, लेकिन दोनों प्लांट में सिर्फ 80 हज़ार गाड़ियां बिक रही थी, जिसमें से 40 हज़ार इंडिया में बिकती थी बाकि 40 हज़ार विदेशों में एक्सपोर्ट हो जाती थी। फोर्ड इंडिया करीब 70 देशों में इंडिया के प्लांट्स में तैयार हुई कारों को एक्सपोर्ट करती थी। लेकिन अब प्लांट बंद होने से एक्सपोर्ट भी बंद हो जाएगा।
इससे पहले कई अमेरिकी इंडिया से अपना बिज़नेस समेट कर जा चुकी हैं
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फोर्ड अकेली ऐसी कार कंपनी नहीं है जो इंडिया से अपना बिज़नेस बंद करके जा रही है, इससे पहले एक और अमेरिकी कंपनी जनरल मोटर्स भी 2017 में इंडिया से अपना बिज़नेस बंद करके जा चुकी है। इंडिया में कारों के ऊपर टैक्स भी बहुत अधिक लगाया जाता है, जिस वजह से भी कंपनियों को इंडिया में बिज़नेस करने में कठिनाई हो रही है। जापानी कार कंपनी टोयोटा पिछले साल घोषणा कर चुकी है कि वे भी इंडिया में टैक्स अधिक होने की वजह से अपना बिज़नेस और अधिक एक्सपैंड (विस्तार) नहीं करेंगे।
क्रूज़र बाइक बनाने वाली कंपनी हार्ले डैविडसन भी इंडियन बुलट के सामने नहीं टिक सकी और यह बाइक कंपनी इसी साल इंडिया से अपना बिज़नेस बंद करके वापस अमेरिका लौट गयी। इससे पहले भी 1926 में फोर्ड इंडिया में आयी थी, लेकिन 1950 में बंद हो गयी थी। इंडिया से पहले फोर्ड ब्राज़ील में अपने सभी प्लांट्स बंद कर चुकी है, दरअसल पहले बड़ी बड़ी कार कंपनियों में अपना विस्तार करते हुए दुनिया भर में प्लांट लगा दिए, लेकिन जब घाटा होने लगा तो इन प्लांट्स को बंद करके वापस अपने देश भागने लगे।
लगभग 20 साल तक इंडियन कार मार्किट में स्ट्रगल करने के बाद जनरल मोटर्स भी 2017 में इंडिया छोड़ कर चली थी। कंपनी ने अपना प्लांट एमजी मोटर्स को बेच दिया था। जनरल मोटर्स का यह प्लांट गुजरात के हलोल में था। लेकिन GM मोटर्स महाराष्ट्र में अपने एक दूसरे प्लांट में कारों को बना रही थी और उन्हें विदेश में एक्सपोर्ट कर रही थी, लेकिन पिछले साल दिसंबर में जनरल मोटर्स का यह प्लांट पूरी तरह से बंद हो गया।
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