dual airbags mandatory : देश में एक्सीडेंट में बढ़ती मौतों की संख्या को देखते हुए सरकार सभी कारों में dual airbags mandatory (साधारण भाषा में कार में ड्राइवर और ड्राइवर के साथ बैठने वाले पैसेंजर की सेफ्टी के लिए) कर दिए हैं। वैसे कार कंपनियों को बार बार मौके दिए जा रहे हैं कि वे अपनी गाड़ियों में ड्यूल एयर बैग(फ्रंट पैसेंजर एयर बैग) जरूर दें, ताकि एक्सीडेंट होने पर कार में बैठे लोगों की जान बच सके।
सबसे पहले कार कंपनियों को 31 अप्रैल 2021 तक की डेडलाइन थी कि सभी कार कंपनियां इंडिया में जो कार बना रही हैं वे अपनी कारों में ड्यूल एयर बैग दें, फिर इस डेडलाइन को बढ़ाकर 30 जून 2021 कर दिया गया। भारत सरकार की रोड एंड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे मिनिस्ट्री ने कार कंपनियों को एक और आखिरी मौका देते हुए अब इस डेडलाइन को 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ा दिया है। सोसाइटी ऑफ़ इंडियन ऑटोमोबाइल मनुफक्चरर्स(SIAM) ने सरकार से 6 महीने की मोहलत और मांगती थी, जिसे मान लिया गया।
अब 1 जनवरी 2022 से कोई भी कार कंपनी इंडिया में ऐसी कोई भी नई कार नहीं बेच पायेगी जिसमें ड्यूल एयर बैग (2 एयर बैग) नहीं होंगे। कारों में ये एयर बैग क्यों कंपल्सरी किये जा रहे हैं, एयर बैग से एक्सीडेंट होने पर कितना बचाव होता है, यही अब आज आपको डिटेल में बताएँगे। चलिए एक बार शुरू करते हैं।
Table of Contents
2 एयर बैग क्यों जरूरी किये गए हैं, ये पढ़ लीजिये
dual airbags mandatory
dual airbags
dual front airbags
dual stage airbags
dual airbags mandatory : सबसे पहले तो यह जान लीजिये पहले कार कंपनियां अपनी गाड़ियों में (यहाँ अफ्फोर्डेबल कारों की बात हो रही है न कि बीएमडब्लू, ऑडी जैसी लक्ज़री कारों की ) एक भी एयर बैग नहीं देती थी, फिर इंडियन गवर्नमेन्ट ने 2019 में एक रूल बनाया कि सभी कार कंपनियों को अपनी गाड़ियों में ड्राइवर की सेफ्टी के लिए कम से कम एक एयर बैग देना होगा।
जिसके बाद कार कंपनियों ने ड्राइवर की साइड एक एयर बैग देना शुरू कर दिया। बाद में यह देखने में आया कि जब कभी एक्सीडेंट या सामने से टक्कर होती है तो ड्राइवर जो गाड़ी चला रहा होता है उसके हाथ में स्टीयरिंग व्हील होता है और एयर बैग भी खुल जाता है जिस वजह से ड्राइवर सेफ हो जाता है, लेकिन ड्राइवर के साथ बैठे पैसेंजर के पास कोई सपोर्ट नहीं होता है और एक्सीडेंट होने आगे बैठे पैसेंजर को काफी चोट आती हैं और उसकी मौत भी हो जाती है।
कई बार तो आगे बैठे पैसेंजर का सिर सीधे गाड़ी के विंडशिलड से टकरा जाता है जिससे उसे हेड इंजरी भी हो जाती है। इसलिए अब सभी नयी गाड़ियों में आगे की तरफ ड्यूल एयर बैग्स कंपल्सरी कर दिए गए हैं। वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट बताती है कि इंडिया में पूरी दुनिया के सिर्फ 1 परसेंट व्हीकल हैं लेकिन एक्सीडेंट में मरने वालों की संख्या करीब 11 परसेंट हैं, जिसकी एक बड़ी वजह हमारी गाड़ियों का सेफ न होना है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट बताती है कि इंडिया में रोजाना करीब 400 लोग सड़क हादसों में अपनी जान गवा बैठते हैं।
एयर बैग किस तरह से एक्सीडेंट होने पर हमें बचाते हैं?
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dual airbags mandatory : कारों में एयर बैग होना उसमे बैठे लोगों की सेफ्टी से जुड़ा मामला है। कार कंपनियां भी एयर बैग को सेफ्टी फीचर के तौर पर पेश करके अपनी कारों की सेल करती हैं। दरअसल एयर बैग सप्लीमेंट रेस्ट्रेंट सिस्टम की तरह काम करते हैं,जो पैसेंजर की सेफ्टी को बढ़ाते हैं सीट बेल्ट के साथ।
इसको इस तरह से समझिये जब आपकी गाड़ी फ्रंट से किसी गाड़ी से टकराती है या उसकी टक्कर हो जाती है तो आप सीट बेल्ट से जकड़े होते हैं और आपका सिर और चेस्ट झटके से आगे की तरफ जाते हैं इसी दौरान कुछ ही सेकेंड में कार में दिए गए एयर बैग आपके और गाड़ी के डैशबोर्ड (हार्ड प्लास्टिक) के बीच में एक सॉफ्ट तकिये की तरह आ जाते हैं।
जिससे आपके शरीर का भार जो टक्कर होने पर आगे की तरफ झटके से जाता हैं उसे एयर बैग रोक लेता है और आपके सिर और चेस्ट पर चोट लगने से बच जाती है। इस तरह आपकी जान बच जाती है। दरअसल एक्सीडेंट में मरने का मामला आपकी सेफ्टी से जुड़ा है।
एक अमेरिकी संस्था द्वारा किए गए रिसर्च से पता चला है कि जिन कारों में फ्रंट ड्यूल एयर बैग्स होते हैं ऐसी कारों का एक्सीडेंट होने उनमें बैठे लोगों के बचने के चान्स 29 से 31 परसेंट बढ़ जाते हैं। इंडियन गवर्नमेंट ने आपकी सेफ्टी और कारों को ज्यादा सेफ बनाने के लिए dual airbags mandatory किया है।
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क्या नया नियम आने के बाद जिन कारों में एयर बैग नहीं हैं उनमे एयर बैग्स लगवाने होंगे?
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dual stage airbags
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dual airbags mandatory : अब जिन लोगों के पास पुरानी कार हैं और उनमे या तो किसी के पास ऐसी कार हैं जिसमें एक भी एयर बैग नहीं है, या कुछ लोगों के पास ऐसी कार हैं जिनमे एक एयर बैग है, ऐसे लोगों के मन में सवाल आ रहा होगा कि इस नए रूल के आने के बाद क्या उनकी भी अपनी पुरानी कारों में एयर बैग लगाने होंगे?
इसका जवाब है नहीं। यह नियम कार कंपनियों के लिए बनाया गया है कि अब वे जब नयी कार बनायें तो ड्यूल फ्रंट एयर बैग अपनी हर गाड़ी में दें। 1 जनवरी 2022 से यदि कोई कंपनी ऐसी कार बनाती है जिसमें एक एयर बैग होगा तो उस गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा।
क्या बाहर(after market) से कार में एयर बैग लगवा सकते हैं
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dual airbags mandatory : अब कुछ लोगों के मन में यह सवाल आ रहा होगा कि सेफ्टी के लिए क्या वे बाहर से आफ्टर मार्केट अपनी गाड़ी में एयर बैग्स लगवा सकते हैं, इसका जवाब न है। क्यूंकि एयर बैग के लिए आपकी कार के स्टीयरिंग और फ्रंट पैनल में स्पेस होना चाइये और दूसरा एयर बैग के लिए गाड़ी में सेंसर फिट करके उन्हें कैलिब्रेट करना होता है। एयर बैग लगाने के लिए जब कार फैक्ट्री में तैयार होती है तभी उसमे सेंसर प्रोग्रामिंग की जाती है ताकि एक्सीडेंट होने पर एयर बैग टाइम पर खुल जाएँ।
यदि फ्रंट से टक्कर होने पर (यहाँ हम फ्रंट एयर बैग की बात कर रहे हैं, इसलिए फ्रंट से एक्सीडेंट का उदहारण लिया है) एयर बैग कुछ सेकेंड बाद खुलते हैं तब उसका कोई फ़ायदा नहीं होगा, क्यूंकि तब तक आप एक्सीडेंट होने पर कार से टकरा चुके होंगे और आपका जो नुक्सान होना है हो चुका होगा। अगर कोई एयर बैग लगवाना ही चाहता है तो इसके लिए करीब 2 से 3 लाख रुपए खर्च करने होंगे।
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